नई दिल्ली, 6 अगस्त
बुधवार को लोकसभा के हंगामेदार सत्र में, सदन ने मर्चेंट शिपिंग (संशोधन) विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह विधेयक बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के लगातार विरोध और व्यवधान के बावजूद पारित हुआ।
दोपहर 2 बजे स्थगन के बाद संध्या राय के अध्यक्ष रहते हुए कार्यवाही फिर से शुरू हुई, लेकिन विपक्षी सांसदों के नारेबाजी और हंगामा करने के कारण सामान्य विधायी कार्य बाधित होने से हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने औपचारिक रूप से विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य 1958 के मर्चेंट शिपिंग अधिनियम में व्यापक बदलाव करना और भारत के समुद्री कानूनों को मारपोल और मलबे हटाने संबंधी सम्मेलन जैसे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के अनुरूप बनाना है।
इस कानून में जहाजों की परिभाषा का विस्तार करते हुए इसमें मोबाइल अपतटीय ड्रिलिंग इकाइयों, पनडुब्बियों और गैर-विस्थापन शिल्पों को भी शामिल किया गया है, तथा पुनर्चक्रण के लिए जहाजों के अस्थायी पंजीकरण के लिए प्रावधान प्रस्तुत किए गए हैं - जिसका उद्देश्य अलंग जैसे केन्द्रों पर गतिविधि को बढ़ावा देना है।