श्री फतेहगढ़ साहिब/6 अगस्त:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत यूनिवर्सिटी की ओर से राख से आशा तक: शांति के लिए शिक्षा, बेहतर विश्व के लिए नवाचार विषय पर आज हिरोशिमा दिवस मनाया गया।इस कार्यक्रम में 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी गई, साथ ही छात्रों को शांतिपूर्ण और प्रगतिशील भविष्य की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।इस समारोह की शुरुआत देश भगत यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. सुरिंदर कपूर के प्रभावशाली भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी समुदाय को इतिहास के सबक याद रखने का आग्रह किया। डॉ. कपूर ने कहा, आज सिफऱ् स्मरण का दिन नहीं है, बल्कि कार्रवाई का आह्वान भी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी तबाही फिर कभी न हो। शिक्षा, जागरूकता और करुणा शांति के हमारे सबसे बड़े साधन हैं।देश भगत यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. हर्ष सदावर्ती ने पीड़ितों के प्रति सार्थक श्रद्धांजलि, चिंतन, सहानुभूति और शांति के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने जैसे प्रयासों के महत्व पर जोर दिया।
छात्र कल्याण निदेशक डॉ. अर्षदीप ने छात्रों से ज्ञान को सहानुभूति के साथ मिलाकर शांति दूत बनने का आग्रह किया।इस कार्यक्रम में पूरे परिसर में शांति मार्च निकाला गया, जिसमें छात्र प्रतीकात्मक पुस्तकें और जैतून की शाखाएँ लिए हुए थे—जो शिक्षा को शांति और हिंसा के त्याग का मार्ग दर्शाती हैं। प्रतिभागियों ने हिरोशिमा और नागासाकी में मारे गए लोगों की स्मृति में एक क्षण का मौन भी रखा।