उत्तरकाशी, 11 अगस्त
भारतीय सेना ने नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर लिमचीगाड में बेली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया है, जिससे 5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से मूल पुल के बह जाने के बाद संपर्क बहाल हो गया है।
लिमचीगाड पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद, क्षेत्र में परिवहन ठप हो गया, जिससे तत्काल मरम्मत कार्य शुरू कर दिए गए।
पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), इंजीनियरों और अन्य बचाव इकाइयों की टीमों ने, साथ ही भारतीय सेना की बंगाल इंजीनियर्स ग्रुप (बीईजी) की इंजीनियरिंग शाखा ने भारी बारिश के बावजूद पुल के माध्यम से संपर्क बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम किया।
खोज, चिकित्सा और संचार दल भी इस अभियान में शामिल हुए, जिसके परिणामस्वरूप रविवार शाम 5 बजे 90 फुट लंबा बेली ब्रिज बनकर तैयार हो गया।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और सेना के इंजीनियरों ने निर्माण कार्य पूरा किया। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित यह नया पुल गंगनानी और धराली के बीच लिमचीगाड पर बना है, जिसकी भार क्षमता लगभग 50 टन है, जिससे चुनौतीपूर्ण हिमालयी भूभाग में राहत और बचाव कार्यों को काफी बढ़ावा मिलेगा।