चंडीगढ़, 28 अगस्त
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि लगातार बारिश और बाँधों से पानी छोड़े जाने के कारण सहायक नदियों के तटबंध टूटने और उफनती नदियों के उफान पर आने के बाद पंजाब में हज़ारों लोगों ने छतों पर रात बिताई। इससे बड़े इलाकों में नई बोई गई धान की फ़सल को भी नुकसान पहुँचा है।
जो परिवार अपने घरों की छतों पर फँसे हैं, वे प्रशासन से बचाव और राहत सामग्री का इंतज़ार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें मवेशियों के लिए चारे की भी ज़रूरत है। सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िले, गुरदासपुर, फिरोज़पुर, अमृतसर, तरनतारन और पठानकोट, भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित हैं।
बाढ़ के पानी से घिरे अन्य ज़िले होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, रोपड़, आनंदपुर साहिब और फ़ाज़िल्का हैं, जहाँ जिन परिवारों के घर बर्बाद हुए हैं, किसानों की फ़सलें बर्बाद हुई हैं, और लोग, जिनमें ज़्यादातर ग्रामीण हैं, बहुत परेशान हैं।
यहाँ तक कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की कई चौकियाँ भी बाढ़ में बह गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं।
एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना और जिला प्रशासन की मदद से बाढ़ बचाव अभियान तेज़ कर दिया गया है।