नई दिल्ली, 3 सितंबर
अमेरिकी टैरिफ के कारण वस्तु निर्यात पर दबाव बना रहने का अनुमान है, लेकिन बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 26 में भारत का सेवा व्यापार अधिशेष रिकॉर्ड 205-207 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में देश का चालू खाता घाटा (CAD) तेज़ी से घटकर 2.4 अरब डॉलर (GDP का 0.2 प्रतिशत) रह गया, जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में दर्ज 8.6 अरब डॉलर (GDP का 0.9 प्रतिशत) घाटे से काफ़ी कम है।
यह परिणाम ICRA के सकल घरेलू उत्पाद के 0.7 प्रतिशत के पूर्व अनुमान से भी काफ़ी कम रहा, जिसे मुख्य रूप से अपेक्षा से ज़्यादा धन प्रेषण और उच्च सेवा व्यापार अधिशेष से मदद मिली।
अदृश्य वस्तुओं से आय वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 19.9 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) बढ़कर 66.1 बिलियन डॉलर हो गई, जिससे 68.5 बिलियन डॉलर के व्यापारिक घाटे की भरपाई हो गई।