नई दिल्ली, 3 सितंबर
अर्थशास्त्रियों ने बुधवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में चल रही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 56वीं बैठक एक बड़े कर सुधार का मार्ग प्रशस्त कर सकती है जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
उनका कहना है कि जीएसटी स्लैब में किसी भी संशोधन से वस्तुएँ सस्ती होंगी और अर्थव्यवस्था में माँग को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया, "जब वस्तुएँ सस्ती होंगी, तो माँग बढ़ेगी। खपत बढ़ने से जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। यह केवल कर पुनर्गठन या मूल्य में कमी के बारे में नहीं है, बल्कि रिटर्न दाखिल करने और अनुपालन को सरल बनाने के बारे में भी है।"
शर्मा ने कहा, "परिवारों के पास खर्च करने योग्य आय बढ़ेगी, जिससे लोगों को पहले की तुलना में खर्च करने के लिए अधिक जगह मिलेगी।"
अर्थशास्त्री इस बात से सहमत हैं कि जीएसटी में प्रस्तावित बदलाव न केवल अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाएंगे, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में उपभोग-आधारित विकास को भी मज़बूत प्रोत्साहन देंगे।