नई दिल्ली, 10 सितंबर
बुधवार को जारी आईसीआरए की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों का वृद्धिशील ऋण प्रवाह वित्त वर्ष 2025 के 18 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 में 19-20.5 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जो चालू वित्त वर्ष में बैंकों के लिए साल-दर-साल (YoY) 10.4-11.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 10.9 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एनबीएफसी ऋण (बुनियादी ढांचे पर केंद्रित संस्थाओं को छोड़कर) चालू वित्त वर्ष में 15-17 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 17 प्रतिशत था।
चालू वर्ष में बैंक ऋण वृद्धि की गति वित्त वर्ष 2026 के पहले पाँच महीनों के लिए 3.9 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह 5.1 लाख करोड़ रुपये थी। घरेलू माँग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जीएसटी दरों में कटौती से निकट भविष्य में बैंकों और एनबीएफसी के लिए ऋण विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।
आगामी सीआरआर कटौती और जीएसटी युक्तिकरण के साथ, आईसीआरए का अनुमान है कि बैंकों के लिए ऋण वृद्धि 10.4-11.3 प्रतिशत और एनबीएफसी के लिए 15-17 प्रतिशत की अनुमानित सीमा के उच्च स्तर पर रहेगी।