नई दिल्ली, 10 सितंबर
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बुधवार को 100वां प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता हुआ, जिससे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) स्वतंत्र रूप से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) का उत्पादन कर सकेगा।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) द्वारा संचालित इस समझौते पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL), भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) और HAL ने हस्ताक्षर किए।
उन्होंने आगे कहा, "इसरो, HAL टीम को SSLV की उड़ान-तैयारी संबंधी दिशा-निर्देश देगा। यह भारत में अंतरिक्ष में गहन तकनीकी सहयोग के अगले चरण को परिभाषित करेगा।"
HAL के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. डी.के. सुनील ने कहा कि कंपनी अपनी इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षमता का उपयोग SSLV बनाने और आवश्यक कार्यबल को प्रशिक्षित करने के लिए करेगी ताकि भारत में घरेलू और वैश्विक ग्राहकों के लिए एक आत्मनिर्भर, लागत-प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सके।