चंडीगढ़, 11 सितंबर
पंजाब के ज़्यादातर बाढ़ग्रस्त गाँवों से पानी कम होने लगा है और विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित समुदायों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी के लिए राहत सामग्री मुहैया कराई जा रही है, ऐसे में उन्हें अब स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए चिकित्सा देखभाल के अलावा दीर्घकालिक पुनर्वास की भी ज़रूरत है।
फ़ील्ड रिपोर्ट्स से पता चलता है कि पानी और वेक्टर जनित बीमारियों, जैसे टाइफाइड, हैज़ा और मलेरिया, के संक्रमण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
इसके अलावा, सर्पदंश के मामलों में भी वृद्धि हुई है। भैंसों और मुर्गियों सहित सैकड़ों जानवरों के शव अब गाँव के खेतों में जमा हो गए हैं, जिससे बीमारियों का प्रकोप और आर्थिक नुकसान हो रहा है।