नई दिल्ली, 13 सितंबर
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) अब अस्तित्व और स्थिरता से आगे बढ़ चुके हैं और अब भारत को 'विकसित भारत 2047' की ओर ले जाने में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
दो दिवसीय विचार-विमर्श के दौरान, प्रतिभागियों ने ग्राहक अनुभव में सुधार, शासन को बेहतर बनाने, उद्देश्यपूर्ण नवाचार को बढ़ावा देने, सतत ऋण वृद्धि सुनिश्चित करने, जोखिम प्रबंधन, कार्यबल की तैयारी और प्रौद्योगिकी प्रणालियों के आधुनिकीकरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
प्रख्यात वक्ताओं में RBI के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे., मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, सेबी के पूर्व अध्यक्ष एम. दामोदरन, और RBI के कई पूर्व डिप्टी गवर्नर और SBI के अध्यक्ष शामिल थे।
वक्ताओं ने आगे इस बात पर ज़ोर दिया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बैंक बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए, जिसमें विदेशों में भारतीय उद्यमों का समर्थन करने और शीर्ष वैश्विक वित्तीय संस्थानों के साथ खड़े होने की क्षमता हो।