नई दिल्ली, 20 सितंबर
एक अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक मतली और उल्टी (हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम) से पीड़ित महिलाओं में प्रसवोत्तर मनोविकृति, अवसाद और अभिघातज के बाद के तनाव विकार जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का 50 प्रतिशत अधिक जोखिम हो सकता है।
हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (एचजी) सभी गर्भधारण के 3.6 प्रतिशत मामलों को प्रभावित करता है। एचजी गर्भावस्था की पहली तिमाही में अस्पताल में भर्ती होने का सबसे आम कारण है, और एचजी के अधिकांश मामले (लेकिन सभी नहीं) दूसरी तिमाही में ठीक हो जाते हैं।
एचजी से पीड़ित महिलाओं को लंबे समय तक और गंभीर मतली और उल्टी का अनुभव होता है, जिससे निर्जलीकरण और वजन कम होता है।
द लैंसेट ऑब्सटेट्रिक्स, गायनोकोलॉजी, एंड विमेन्स हेल्थ में प्रकाशित इस अध्ययन में, यूके के शोधकर्ताओं ने 476,857 गर्भवती महिलाओं में निदान के एक वर्ष के भीतर रिपोर्ट किए गए 24 न्यूरोसाइकियाट्रिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परिणामों की जाँच की।