नई दिल्ली, 8 अप्रैल
मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने कार्यदक्षता में सुधार के लिए जारी अभ्यास के चौथे चरण के हिस्से के रूप में 'एक राज्य एक आरआरबी' के सिद्धांतों पर 26 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय को अधिसूचित किया है।
वित्त मंत्रालय ने हितधारकों के परामर्श के लिए नवंबर 2024 में एक विलय योजना शुरू की थी। बयान में कहा गया है कि हितधारकों के परामर्श के बाद, 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 26 आरआरबी का विलय किया गया है, जिसका प्राथमिक ध्यान पैमाने की दक्षता में सुधार और लागत युक्तिकरण पर है।
वर्तमान में, 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 43 आरआरबी काम कर रहे हैं। विलय के बाद, 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 28 आरआरबी होंगे, जिनकी 700 जिलों में 22,000 से अधिक शाखाएँ होंगी। बयान में कहा गया है कि उनका मुख्य परिचालन क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र है, जिसमें लगभग 92 प्रतिशत शाखाएँ ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं। यह विलय का चौथा चरण है। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पिछले तीन चरणों में जिसमें चरण- I (वित्त वर्ष 2006 से वित्त वर्ष 2010) शामिल है, आरआरबी की संख्या 196 से घटाकर 82 कर दी गई थी, चरण-2 (वित्त वर्ष 2013 से वित्त वर्ष 2015) में 82 से घटाकर 56 कर दी गई थी, और चरण-3 (वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2021) में 56 से घटाकर 43 कर दी गई थी।