लखनऊ, 12 अप्रैल
भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 134वीं जयंती सोमवार, 14 अप्रैल को पूरे उत्तर प्रदेश में बड़े उत्साह और राजकीय सम्मान के साथ मनाई जाएगी। इस अवसर पर पूरे राज्य में कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
समारोह के मद्देनजर राज्य सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में इस दिन को भव्यता और गरिमा के साथ मनाया जाएगा। राज्य भर के जिलों में बाबासाहेब के जीवन और विरासत को समर्पित भव्य कार्यक्रम, सेमिनार और श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए जाएंगे।
समारोह से एक दिन पहले रविवार को राज्य भर के सभी सार्वजनिक पार्कों और स्मारकों में विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा- खासकर उन जगहों पर जहां राष्ट्रीय नायकों और महान हस्तियों की प्रतिमाएं लगी हैं। सफाई अभियान में स्थानीय निवासी, जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी हिस्सा लेंगे।
सोमवार को जिला अधिकारी, सरकारी कर्मचारी और स्थानीय प्रतिनिधि डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और माल्यार्पण करेंगे। उनके जीवन, कार्य और भारतीय संविधान में योगदान पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रमों में डॉ. अंबेडकर के विचारों और संविधान के निर्माण में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा। यूपी के मुख्य सचिव ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इन कार्यक्रमों में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने और जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैसाखी के अवसर पर राज्य के लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि बैसाखी भारत की समृद्ध परंपराओं और गौरवशाली विरासत का प्रतीक है।
फसल के मौसम के दौरान मनाया जाने वाला यह त्योहार देश की कृषि जड़ों और सांस्कृतिक जीवंतता को दर्शाता है। बैसाखी वह दिन भी है जब दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
यह त्योहार पूरे भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, जो अक्सर नए साल की शुरुआत का प्रतीक होता है।
मुख्यमंत्री ने कामना की कि बैसाखी का त्यौहार सभी के जीवन में खुशी, समृद्धि और खुशहाली लाए।