नई दिल्ली, 1 मई
गुरुवार को जारी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, देश में यूपीआई से होने वाले दैनिक लेन-देन की संख्या अप्रैल में बढ़कर 59.6 करोड़ हो गई, जो मार्च में 59 करोड़ थी।
अप्रैल में 24 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन हुए, जो पिछले महीने 24.8 लाख करोड़ रुपये से कम है। यह लगातार 12वां महीना है, जब 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हुआ है।
अप्रैल 2024 में वॉल्यूम में 50.7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के बावजूद वृद्धि की गति 34.5 प्रतिशत पर स्वस्थ रही। लेन-देन का मूल्य एक साल पहले की अवधि से 21.9 प्रतिशत बढ़ा।
पार्किंग और टोल संग्रह के लिए उपयोग किए जाने वाले फास्टैग भुगतानों के लिए दैनिक लेन-देन की मात्रा भी पिछले महीने के 12.2 मिलियन की तुलना में 12.75 मिलियन पर अधिक रही, जो देश की आर्थिक गतिविधि में वृद्धि को दर्शाता है।
पिछले महीने के 12 प्रतिशत की तुलना में फास्टैग लेन-देन में 17 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई। इन लेन-देन का कुल मूल्य मार्च के 219 करोड़ रुपये से बढ़कर 227 करोड़ रुपये हो गया।
एनपीसीआई के तत्वावधान में एक अन्य भुगतान माध्यम आईएमपीएस के लिए दैनिक मात्रा, जो यूपीआई संचालित करता है, भी मार्च में 14.89 मिलियन की तुलना में 14.98 मिलियन पर अधिक थी।
इस बीच, एनपीसीआई ने उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने और देरी को कम करने के लिए यूपीआई लेनदेन के लिए प्रतिक्रिया समयसीमा को कड़ा कर दिया है। 26 अप्रैल को जारी एक परिपत्र में, एनपीसीआई ने बैंकों और भुगतान ऐप्स को इस साल 16 जून से विभिन्न यूपीआई सेवाओं में त्वरित प्रसंस्करण मानकों को लागू करने का निर्देश दिया।