नई दिल्ली, 12 जून
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (आईडीआरबीटी) ने गुरुवार को यूपीआई सहित भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में साइबर सुरक्षा और लचीलापन मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इस साझेदारी का उद्देश्य प्रशिक्षण, जागरूकता और सक्रिय जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करके डिजिटल लेनदेन की समग्र सुरक्षा में सुधार करना है।
एनपीसीआई के एमडी और सीईओ दिलीप असबे ने कहा कि आईडीआरबीटी के साथ यह सहयोग न केवल तकनीक के माध्यम से, बल्कि लोगों और तैयारियों के माध्यम से भी साइबर लचीलापन बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।
असबे ने कहा, "साइबर लचीलापन मजबूत करना केवल तकनीक के बारे में नहीं है, बल्कि लोगों और तैयारियों के बारे में भी है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशिक्षण, प्रमाणन और साझा खुफिया जानकारी सुरक्षा मानकों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
आईडीआरबीटी के निदेशक डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि संस्थान ने हमेशा बैंकिंग और वित्त क्षेत्र को प्रौद्योगिकी अपनाने में मदद करने की दिशा में काम किया है। उन्होंने कहा कि यह औपचारिक साझेदारी सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देगी और डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर मजबूत प्रतिक्रिया प्रणाली का निर्माण करेगी। समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों संगठन संयुक्त रूप से बैंकिंग और डिजिटल भुगतान क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करेंगे।