चेन्नई, 5 मई
तमिलनाडु के नागापट्टिनम जिले के सेरुथुर और वेल्लापल्लम में देशी नाव के मछुआरे सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी तट पर डटे रहे, कथित तौर पर श्रीलंकाई समुद्री डाकुओं द्वारा बीच समुद्र में किए गए हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया।
यह हमला 2 मई को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के पास हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, वेदारण्यम, सेरुथुर और अक्कराइपेट्टई के 20 से अधिक मछुआरे, जो चार समूहों में निकले थे, पर हथियारबंद लोगों ने हमला किया, जिन पर श्रीलंकाई समुद्री डाकुओं होने का संदेह है। हमलावरों ने भागने से पहले मछली पकड़ने के जाल, उपकरण और अन्य कीमती सामान लूट लिए।
कई घायल मछुआरों का वर्तमान में नागापट्टिनम सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है।
विरोध स्वरूप रविवार को दूसरे दिन भी 600 से अधिक देशी नावें तट पर खड़ी रहीं। मछुआरों ने तब तक हड़ताल जारी रखने की कसम खाई है, जब तक राज्य और केंद्र सरकारें समुद्र में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठातीं।
डीएमके सांसद ए. राजा ने रविवार को घायल मछुआरों से मुलाकात की, उन्हें राहत सामग्री मुहैया कराई और सरकारी सहायता का वादा किया।
उन्होंने कहा, "तमिलनाडु समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन केंद्र सरकार को निर्णायक रूप से काम करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि वह इस मामले को सीधे प्रधानमंत्री के समक्ष उठाएंगे।