नई दिल्ली, 6 मई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस पर कहा कि अस्थमा के प्रबंधन के लिए प्रारंभिक निदान और उचित उपचार महत्वपूर्ण हैं।
विश्व अस्थमा दिवस मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है, ताकि आम और पुरानी फेफड़ों की बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इस वर्ष का विषय है "अस्थमा शिक्षा सशक्त बनाती है"।
नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "विश्व अस्थमा दिवस अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस पुरानी बीमारी से पीड़ित लोगों की देखभाल बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।"
उन्होंने कहा, "प्रारंभिक निदान, प्रभावी उपचार और उचित प्रबंधन पर जोर देकर, हमारा लक्ष्य दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।"
केंद्रीय मंत्रियों ने नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य पेशेवरों और समुदायों से देश में "अस्थमा से संबंधित जटिलताओं को कम करने और श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने" का भी आग्रह किया।
अस्थमा सबसे आम पुरानी गैर-संचारी बीमारियों में से एक है जो 260 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करती है और दुनिया भर में हर साल 450,000 से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है, जिनमें से अधिकांश को रोका जा सकता है।
ग्लोबल अस्थमा नेटवर्क द्वारा ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत में लगभग 35 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं।