नई दिल्ली, 16 मई
भारत की रक्षा तैयारियों को एक बड़ा वित्तीय बढ़ावा मिल सकता है, सरकारी सूत्रों के अनुसार 'ऑपरेशन सिंदूर' के सफल क्रियान्वयन के बाद देश के सैन्य बजट में 50,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होने की संभावना है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल के अंत में पूरक बजट के माध्यम से अतिरिक्त धनराशि आवंटित किए जाने की उम्मीद है, जिससे संभवतः पहली बार कुल रक्षा व्यय 7 लाख करोड़ रुपये के पार हो जाएगा।
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में पहले ही रक्षा के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 6.22 लाख करोड़ रुपये से 9.2 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है।
यदि अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी मिल जाती है, तो यह सैन्य आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की रणनीतिक प्राथमिकता को और रेखांकित करेगा।
सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त धनराशि को अनुसंधान एवं विकास, उन्नत हथियारों की खरीद, गोला-बारूद के भंडार की पुनःपूर्ति और अत्याधुनिक सैन्य हार्डवेयर के अधिग्रहण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगाया जाएगा।
इस प्रस्ताव को शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की मंजूरी के लिए पेश किए जाने की संभावना है।