चंडीगढ़, 28 मई
पटियाला से भारतीय जनता पार्टी के एक काउंसलर अनुज खोसला द्वारा नशा तस्कर की जमानत बांड भरने पर भाजपा बुरी तरह घिर गई है। 'आप' सांसद मलविंदर सिंह कंग ने भाजपा पर तीखा हमला बोला और दावा किया कि भाजपा पंजाब के नशा तस्करों की असली संरक्षक है। उसके नेता लगातार तस्करों का बचाव कर रहे हैं और उसे राजनीतिक संरक्षण दे रहे हैं।
कंग ने मीडिया को अनुज खोसला की भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ के साथ तस्वीर दिखाई जिसमें यह स्पष्ट दिख रहा है कि खोसला कैप्टन और चुघ के करीबी हैं।
कंग ने कहा कि अनुज खोसला कैप्टन अमरिंदर सिंह का बेहद नजदीकी है। वह उनके पटियाला के सभी कार्यक्रमों का आयोजन करता रहा है। भाजपा के सभी बड़े नेताओं के साथ इसके अच्छे संबंध हैं। भाजपा की सभाओं में वह अक्सर दिखाई देता है।
दरअसल बीजेपी के काउंसलर ने 29 मार्च 2025 को नशा तस्करी के आरोप में एनडीपीएस के तहत खुशजोत सिंह पर दर्ज एफआईआर मामले में उसकी जमानत करवाने के लिए भाजपा पार्षद अनुज खोसला जमानत के लिए एफिडेविट भरा था।
कंग ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा नशे को जड़ से खत्म करने के लिए युद्ध नशयां विरूद्ध' अभियान चलाया जा रहा है। जिसके कारण आज पूरा पंजाब नशा और नशा तस्करों के खिलाफ खड़ा है। वहीं भाजपा के नेता ड्रग्स तस्करों की जमानत कराने में लगे हैं। दरअसल भाजपा नहीं चाहती कि पंजाब से नशा खत्म हो क्योंकि उसके कई नेताओं के नशा तस्करों के साथ गहरे संबंध है।
उन्होंने कहा कि कि आज पंजाब में जो नशे की समस्या है उसके बीज अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने ही बोए था। इन लोगों ने नशा तस्करों को संरक्षण देकर हजारों युवाओं के भविष्य बर्बाद किए और हजारों घर तबाह किए। इन लोगों ने अपने आर्थिक फायदे के लिए नशा कारोबारियों के साथ हाथ मिलाया और मिलकर उनके को बढ़ावा दिया। आज उसी का परिणाम पंजाब झेल रहा है।
कंग ने कहा कि आप सरकार पंजाब से नशा खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। रोज सैकड़ों नशा तस्करों पर कार्रवाई की जा रही है। पिछले दो महीने में 10 हजार से ज्यादा तस्करों को पकड़कर जेल भेजा गया है और हजारों किलो नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं।
नशा के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान का आदेश बिल्कुल स्पष्ट है। चाहे एसएसपी और एसएचओ जैसे बड़े पुलिस अधिकारी हो या राजनेताओं से जुड़े नशा कारोबारी, सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। नशा, अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति मान सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। ऐसे मामलों में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।