पटना, 30 मई
बोरिंग कैनाल रोड फायरिंग मामले में एक बड़ी घटना में, दो फरार आरोपियों रोहित उर्फ अल्टर और शिबू ने शुक्रवार को यहां कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
रोहित महेंद्रू इलाके का रहने वाला है, जबकि शिबू कंकड़बाग का रहने वाला है। तीसरा आरोपी शानू फरार है। पुलिस ने उसके खिलाफ वारंट और पब्लिक नोटिस जारी करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
24 मई को हुई फायरिंग की घटना ने पटना में दहशत फैला दी थी, जब श्री कृष्णा पुरी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले व्यस्त बोरिंग कैनाल रोड पर कई युवकों ने चलती स्कॉर्पियो एसयूवी से कथित तौर पर फायरिंग की।
वायरल वीडियो में कैद इस निर्लज्जतापूर्ण कृत्य ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी और कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दीं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रोहित और शिबू दोनों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जा सकता है ताकि मकसद का पता लगाया जा सके और अन्य संभावित साजिशकर्ताओं की पहचान की जा सके।
पंजाब में होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा रोहित घटना से कुछ दिन पहले 17 मई को अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पटना लौटा था।
मामले में चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब बताया जा रहा है कि जब गोलीबारी हो रही थी, तब एडीजी (कानून-व्यवस्था) पंकज दराद संयोग से उस इलाके से गुजर रहे थे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उस समय एडीजी कार में थे या नहीं।
बताया जा रहा है कि कार ने एसयूवी का पीछा किया, लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण सभी अपराधी भागने में सफल रहे।
अब तक लापरवाही के लिए 18 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है और व्यापक आंतरिक जांच शुरू की गई है।
पुलिस कई संदिग्ध व्यक्तियों पर दबाव बना रही है, हालांकि फरार आरोपी शानू का पता लगाने में कोई सफलता नहीं मिली है।
प्रशासन पर नतीजे देने का दबाव बना हुआ है, क्योंकि लोगों का भरोसा डगमगा रहा है।
इस घटना ने न केवल कानून प्रवर्तन तंत्र को शर्मसार किया है, बल्कि लोगों में आक्रोश भी पैदा किया है, खासकर इसलिए क्योंकि अपराधी कई पुलिस थानों की सीमा पार करके बिना पकड़े भाग जाते हैं।
इस गोलीबारी की घटना ने विपक्षी नेताओं को राज्य में कानून और अन्य मुद्दों को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधने का मुद्दा दे दिया है।