मुंबई, 7 जून
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत चल रही धन शोधन जांच के सिलसिले में मुंबई, कोच्चि और त्रिशूर में 18 स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। यह मामला कथित 65 करोड़ रुपये के ‘मीठी नदी गाद निकासी घोटाले’ से संबंधित है।
शनिवार को जारी ईडी के बयान के अनुसार, तलाशी में बीएमसी इंजीनियर प्रशांत रामगुडे, बीएमसी ठेकेदार भूपेंद्र पुरोहित, मेसर्स मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, जय जोशी (निदेशक, मेसर्स विर्गो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड), केतन कदम (नियंत्रक, मेसर्स वोडर इंडिया एलएलपी), और करीबी सहयोगी सैंटिनो रोक्को मोरिया और अभिनेता डिनो मोरिया सहित प्रमुख व्यक्तियों से जुड़े कार्यालय और आवासीय परिसरों को निशाना बनाया गया।
ईडी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की। बयान में कहा गया है कि एफआईआर 13 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ दर्ज की गई थी, जिन पर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को 65 करोड़ रुपये से अधिक का गलत नुकसान पहुंचाने का आरोप है। प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, आरोपियों ने मीठी नदी पर गाद निकालने के काम से संबंधित बीएमसी निविदाओं में हेरफेर करने के इरादे से एक कार्टेल बनाने के लिए मिलीभगत की।
इस कार्टेल ने कथित तौर पर अनुबंध पुरस्कारों और बढ़ी हुई दरों पर एकाधिकार किया, जिसके परिणामस्वरूप ठेकेदारों को अनुचित वित्तीय लाभ हुआ और सरकारी खजाने को काफी नुकसान हुआ। इन अवैध आय को फिर कदम, पुरोहित और रामगुडे सहित प्रमुख व्यक्तियों द्वारा बनाई गई शेल कंपनियों के माध्यम से लूटा गया। तलाशी अभियान के दौरान, ईडी ने 7 लाख रुपये नकद जब्त किए, 22 बैंक खाते और सावधि जमा और एक डीमैट खाता फ्रीज किया। अब तक जब्त और फ्रीज की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 1.25 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अलावा, कई डिजिटल डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए, जिन्हें पीएमएलए के तहत आगे की जांच के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जांच अभी भी जारी है, ईडी वित्तीय ट्रेल और घोटाले में शामिल संभावित व्यापक नेटवर्क की आगे जांच कर रहा है।