मुंबई, 9 जून
सोमवार को जारी केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का दोपहिया वाहन उद्योग वित्त वर्ष 2025-26 में कोविड-पूर्व बिक्री स्तर को पार करने के लिए तैयार है, जिसमें 8-9 प्रतिशत की अपेक्षित मात्रा वृद्धि होगी।
मुद्रास्फीति में कमी, 12 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए पूर्ण आयकर छूट द्वारा संचालित उच्च प्रयोज्य आय और अधिक अनुकूल मौद्रिक नीति जैसे प्रमुख लाभ - फरवरी 2025 से आरबीआई द्वारा संचयी 100 बीपीएस दर कटौती और हाल ही में जून 2025 में घोषित 50 बीपीएस दर कटौती द्वारा उजागर - उपभोक्ता भावना और सामर्थ्य को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं। अनुकूल मानसून विकास की संभावनाओं को और मजबूत कर सकता है, जिससे उद्योग की मात्रा कोविड-पूर्व स्तरों को पार करने के लिए मंच तैयार हो सकता है।
केयरएज रेटिंग्स ने बताया कि वित्त वर्ष 2025 तक के पिछले तीन वर्षों में भारतीय दोपहिया वाहन उद्योग ने वित्त वर्ष 2023, वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 में क्रमशः 8 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 11 प्रतिशत की स्वस्थ मात्रा वृद्धि बनाए रखी। वित्त वर्ष 2025 में मात्रा वृद्धि को 21 प्रतिशत निर्यात सुधार और घरेलू मात्रा में 9 प्रतिशत की वृद्धि से समर्थन मिला। निर्यात सुधार पिछले वर्षों में मुद्रास्फीति, उच्च ब्याज दरों और मुद्रा मुद्दों से प्रभावित प्रमुख बाजारों में स्थिरता के कारण हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण मांग में पर्याप्त वृद्धि और शहरी मांग में निरंतर वृद्धि से घरेलू मात्रा को समर्थन मिला।