नई दिल्ली, 12 जून
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की मुद्रास्फीति दर पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में इस वर्ष मई में घटकर 2.82 प्रतिशत रह गई। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के अनुसार, फरवरी 2019 के बाद से यह खुदरा मुद्रास्फीति का सबसे निचला स्तर है।
मई के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 0.99 प्रतिशत रह गई, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है। यह लगातार सातवां महीना है जब खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है, क्योंकि कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, महीने के दौरान मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से दालों, सब्जियों, फलों, अनाज, घरेलू सामान और सेवाओं, चीनी और अंडों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है। महीने के दौरान कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी आने के साथ ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण भी मुद्रास्फीति में कमी आई।
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि आरबीआई ने 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति अब 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें पहली तिमाही 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही 4.4 प्रतिशत रहेगी।