जयपुर, 18 जून
बारां साइबर पुलिस ने बुधवार को जयपुर के सिरसी रोड स्थित हाथोज इलाके से गणेशपुरा निवासी चंद्रमोहन वैष्णव (40) पुत्र बाबूलाल को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों ने बताया कि 3 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े अखिल भारतीय साइबर ठगी रैकेट का मास्टरमाइंड वैष्णव पिछले तीन साल से फरार था।
बारां एसपी राजकुमार चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मामला पहली बार 17 मई 2023 को मध्य प्रदेश के मंदसौर निवासी पिंटू राठौर की शिकायत के बाद सामने आया था।
राठौर ने आरोप लगाया कि वैष्णव ने फर्जी कंपनियों वैष्णव इंफ्राटेक और बिड्स बाजार के जरिए फेसबुक के जरिए ट्रक खरीद घोटाले में फंसाया और टोकन अमाउंट और दस्तावेज के बहाने 4 लाख रुपये ठग लिए।
जांच में पता चला कि वैष्णव का गिरोह फेसबुक पर बैंक डिफॉल्टर कमर्शियल वाहनों को कम कीमत पर बेचने का झूठा विज्ञापन देकर काम करता था। Bidsbazaar.com, Turbo24.com, Quickhot Technologies Pvt. Ltd. और वैष्णव एसोसिएट्स जैसी वेबसाइट का इस्तेमाल कर वे वाहन देखने के लिए UPI के जरिए टोकन पेमेंट मांगते थे और फिर बीमा, फिटनेस और रजिस्ट्रेशन की आड़ में कुल कीमत का 75 फीसदी मांगते थे।
रकम चुकाने के बाद पीड़ित का नंबर ब्लॉक कर दिया जाता था और संपर्क तोड़ दिया जाता था। फरार होने के बावजूद वैष्णव बार-बार मोबाइल नंबर, सिम कार्ड और लोकेशन बदलकर काम करता रहा। उसकी गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उसके तीन साथी अनिल वैष्णव, जगदीश बैरागी और प्रेमनारायण वैष्णव पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
पुलिस जांच में अब तक राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में वैष्णव और उसके साथियों के खिलाफ 20 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं। साइबर अपराध शिकायत पोर्टल पर भी उनके खिलाफ 100 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं।
यह गिरोह 2011 से सक्रिय था। वैष्णव की गिरफ्तारी तकनीकी निगरानी और ट्रैकिंग के माध्यम से संभव हुई। प्रारंभिक पूछताछ से पता चलता है कि उसने लोगों से लगभग 3 करोड़ रुपये की ठगी की है, जिसमें से कई भुगतान फेसबुक इंटरैक्शन और लिंक किए गए बैंक खातों के माध्यम से किए गए हैं।
अधिकारी अब अन्य राज्यों में आगे की घटनाओं और पीड़ितों की पहचान करने के लिए इन बैंक रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं।