नई दिल्ली, 9 जुलाई
केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर को अमेरिका में हिरासत में ले लिया है और अब वह उसे भारत वापस लाएगी, जिससे दो दशक से ज़्यादा समय से चल रहा उसका क़ानून से पीछा छूटना बंद हो जाएगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह घटनाक्रम कपूर के अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद हुआ है।
सीबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि दो दशक बाद यह पीछा छूटना समाप्त हो गया है, "भगोड़ी सुश्री मोनिका कपूर के अमेरिका से सफल प्रत्यर्पण के साथ, जो 2002 के आयात-निर्यात धोखाधड़ी में आरोपी हैं और तब से फरार थीं।"
केंद्रीय एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मेसर्स मोनिका ओवरसीज़ की प्रॉप. मोनिका कपूर ने अपने भाइयों, राजन खन्ना और राजीव खन्ना के साथ मिलकर, 2002 के आयात-निर्यात धोखाधड़ी में आरोपी मोनिका कपूर ... बाद से अमेरिका से जाली निर्यात दस्तावेज़ बनाए। वर्ष 1998 के दौरान निर्यात एवं प्राप्ति के शिपिंग बिल, चालान और बैंक प्रमाणपत्र।
उन्होंने 2.36 करोड़ रुपये मूल्य के शुल्क-मुक्त सोने के आयात के लिए छह पुनःपूर्ति (प्रतिपूर्ति) लाइसेंस प्राप्त किए।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "आपराधिक षडयंत्र को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने उक्त पुनःपूर्ति लाइसेंस मेसर्स दीप एक्सपोर्ट्स, अहमदाबाद को प्रीमियम पर बेच दिए। मेसर्स दीप एक्सपोर्ट्स, अहमदाबाद ने उक्त लाइसेंसों का उपयोग किया और शुल्क-मुक्त सोना आयात किया, जिससे वर्ष 1998 के दौरान सरकारी खजाने को 1.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।"