गुवाहाटी, 10 जुलाई
असम में बाढ़ की स्थिति में गुरुवार को मामूली सुधार हुआ और प्रभावित जिलों की संख्या छह से घटकर पाँच हो गई।
हालांकि, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, गोलाघाट जिले में एक और मौत के साथ इस साल बाढ़ से संबंधित मौतों की संख्या 30 हो गई है, जिनमें से छह भूस्खलन से हुई हैं।
हाल ही में गोलाघाट के मोरोंगी राजस्व क्षेत्र में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 23,084 प्रभावित निवासियों के साथ सबसे अधिक प्रभावित जिला बना हुआ है। कई एजेंसियों, स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवकों की मदद से बचाव अभियान जारी है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ के लिए ऊपरी इलाकों में भारी बारिश को जिम्मेदार ठहराया और त्वरित राहत कार्यों का आश्वासन दिया।
उन्होंने X पर पोस्ट किया, "हमारी सरकार लोगों की सभी ज़रूरतों को पूरा करने और त्वरित बचाव एवं पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए ज़मीनी स्तर पर मौजूद है।"
वर्तमान में, गोलाघाट, नागांव, होजई, कार्बी आंगलोंग और जोरहाट के 14 राजस्व क्षेत्र और 175 गाँव जलमग्न हैं। 5,000 से ज़्यादा विस्थापित लोग 38 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जिनमें 24 राहत वितरण केंद्र कार्यरत हैं। बाढ़ ने 3,386 हेक्टेयर फसल भूमि को जलमग्न कर दिया है और 87 जानवरों की जान ले ली है।
गोलाघाट और नुमालीगढ़ में धनसिरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे संकट और बढ़ गया है।
कई ज़िलों में सड़कों और बिजली के खंभों सहित बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचने की खबर है।