श्री फतेहगढ़ साहिब/16 जुलाई:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
पब्लिक अगेंस्ट एडल्ट्रेशन वेलफेयर एसोसिएशन (पावा) ने देश भगत यूनिवर्सिटी प्रदर्शन कला और मीडिया संकाय के सहयोग के साथ खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ जागरूकता शीर्षक से एक सेमिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें विभिन्न शैक्षणिक विषयों के 200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस सेमिनार का उद्देश्य जंक और मिलावटी खाद्य पदार्थों से उत्पन्न बढ़ते स्वास्थ्य खतरों के बारे में युवाओं को शिक्षित करना है तथा निवारक जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली विकल्पों की तत्काल आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस मौके देश भगत यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। अपने संबोधन में, उन्होंने पावा की इस पहल की सराहना करते हुए इसे एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने युवाओं से जंक फ़ूड से दूर रहने और पौष्टिक खान-पान की आदतें अपनाने का आग्रह किया। देश भगत यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ. तजिंदर कौर इस कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि थीं। पावा के मुख्य संरक्षक और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जोरा सिंह (सेवानिवृत्त) ने शिक्षा, नीतिगत वकालत और FSSAI व FDA जैसी एजेंसियों के साथ सहयोग के माध्यम से खाद्य पदार्थों में मिलावट से निपटने के पावा के मिशन पर ज़ोर दिया। उन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला में आयोजित एक पूर्व सेमिनार सहित इसी तरह की पहलों पर भी प्रकाश डाला।
इस दौरान हाजिर विशेषज्ञ वक्ताओं ने आम खाद्य पदार्थों में मिलावट, स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव, खाद्य सुरक्षा के लिए कानूनी ढाँचे और मिलावट की आसान घरेलू जाँच जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इस सत्र ने छात्रों की सक्रिय भागीदारी और जागरूकता को प्रोत्साहित किया।
इस सेमिनार में पावा के प्रमुख सदस्य भी शामिल हुए, जिनमें अध्यक्ष अमरजीत सिंह, उपाध्यक्ष कैप्टन बलविंदर सिंह और बीरिंदर सिंह (सेवानिवृत्त सत्र न्यायाधीश), महासचिव सुरजीत सिंह भटोआ, कुलवंत सिंह लेहरा और कुलवंत सिंह पुरबा, संयुक्त सचिव, एडवोकेट यादबिंदर पाल सिंह, कानूनी सलाहकार, डा अर्जन सिंह,मंच संचालक भगवान दास और पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कई जिला नेता शामिल थे।देश भगत ग्लोबल स्कूल के छात्रों ने इस मौके सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और संवादात्मक चर्चाओं के माध्यम से कार्यक्रम में जीवंतता ला दी, जिससे यह एक यादगार और प्रभावशाली जागरूकता अभियान बन गया। सेमिनार के अंत में बीरिंदर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और यूनिवर्सिटी एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।