नई दिल्ली, 19 जुलाई
अनिल अग्रवाल द्वारा संचालित वेदांता समूह पर एक नया प्रहार करते हुए, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म वायसराय रिसर्च ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि वेदांता सेमीकंडक्टर्स एक 'नकली' कमोडिटी ट्रेडिंग ऑपरेशन है, जिसे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में वर्गीकरण से बचने के लिए अनुचित तरीके से डिज़ाइन किया गया है।
वाइसराय के अनुसार, "हमारा मानना है कि वेदांता लिमिटेड (वीईडीएल) की सहायक कंपनी, वेदांता सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड (वीएसपीएल), एक नकली कमोडिटी ट्रेडिंग ऑपरेशन है, जिसे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में वर्गीकरण से बचने के लिए अनुचित तरीके से डिज़ाइन किया गया है।"
शुक्रवार (अमेरिकी समय) को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में, शॉर्ट-सेलर फर्म ने आरोप लगाया कि यह योजना "अप्रैल 2025 में वेदांता रिसोर्सेज (वीआरएल) को वीईडीएल द्वारा ब्रांड शुल्क के प्रेषण को सुगम बनाने के लिए तैयार की गई थी, जब उसे गंभीर नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा था"।
रिपोर्ट में दावा किया गया है, "वीएसपीएल के परिचालन भ्रम को अपने उद्देश्य को पूरा करने, अपने विदेशी ऋणदाताओं को चुकाने और अप्रैल 2024 की आसन्न आपदा को छिपाने के लिए 24 महीने की नियामकीय चुप्पी की आवश्यकता है। जहाँ क्रेडिट विश्लेषक खतरे की घंटियों के बीच सो रहे हैं, वहीं भारत के नियामक सुकून की नींद सो रहे हैं।"
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर पिछले कुछ दिनों से वेदांत समूह पर कई रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वेदांता की होल्डिंग कंपनी, वेदांता रिसोर्सेज, पूरी तरह से अपनी परिचालन इकाई से प्राप्त नकदी पर निर्भर है।