चंडीगढ़, 25 जुलाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय ने शुक्रवार को हरियाणा के भिवानी नगर परिषद से संबंधित सरकारी धन के गबन के मामले में लगभग 3.46 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया।
कुर्की की गई संपत्तियों में से 2.30 करोड़ रुपये की संपत्ति नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष और गबन के मास्टरमाइंड रण सिंह यादव की है। ईडी ने एक बयान में कहा कि शेष संपत्तियां अन्य बिचौलियों और सह-षड्यंत्रकारियों की हैं।
ईडी ने भिवानी पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत नगर परिषद के विभिन्न अधिकारियों, एक निजी बैंक के अधिकारियों और अन्य निजी व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न नागरिक परियोजनाओं के लिए आवंटित नगर परिषद के सरकारी धन के गबन के आरोप में दर्ज एक प्राथमिकी (एफआईआर) के आधार पर जांच शुरू की।
ईडी की जाँच से पता चला है कि नगर परिषद के अन्य अधिकारियों और एक्सिस बैंक के बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके, सरकारी धन की 12.97 करोड़ रुपये की बड़ी राशि का गबन किया गया और उसे निजी फर्मों के बैंक खातों में धोखाधड़ी से स्थानांतरित कर दिया गया।
गौरतलब है कि प्राप्तकर्ता फर्मों को नगर परिषद द्वारा कोई कार्य आदेश आवंटित नहीं किया गया था। ईडी ने पहले विनोद गोयल (बिचौलिए) और नितेश अग्रवाल (एक्सिस बैंक प्रबंधक) की 3.99 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया था और पीएमएलए के तहत न्यायाधिकरण द्वारा इसकी पुष्टि की गई है। ईडी ने कहा कि आगे की जाँच जारी है।
ईडी केंद्र सरकार की एक कानून प्रवर्तन और आर्थिक खुफिया एजेंसी है।
1 मई, 1956 को स्थापित, ईडी आर्थिक कानूनों को लागू करने और वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए जिम्मेदार है।
यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है और इसका मुख्यालय दिल्ली में है।
ईडी का प्राथमिक कार्य धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) को लागू करना है।