नई दिल्ली, 26 जुलाई
भारत तेज़ी से व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर कर रहा है, जिनमें से सबसे ताज़ा ब्रिटेन के साथ है, लेकिन अमेरिका के साथ बहुप्रतीक्षित समझौता दोनों पक्षों के बीच व्यस्त वार्ताओं के बीच अभी तक साकार नहीं हो पाया है।
न्यूज़वीक के एक लेख के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत द्वारा कुछ आशावादी रुख़ दिखाए जाने के बावजूद, अमेरिका के साथ अभी तक कोई व्यापार समझौता नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) के सदस्य संजीव सान्याल के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि "हम पश्चिमी देशों सहित दुनिया के साथ समान स्तर पर जुड़ना चाहते हैं।"
उन्होंने प्रकाशन को बताया, "हम समझते हैं कि पश्चिमी देशों के अपने हित हैं, लेकिन हमारे भी अपने हित हैं। इसलिए, हम अपने हितों के लिए आवाज़ उठाएँगे। इसका मतलब यह नहीं है कि हम बातचीत करने या उचित समझौते करने को तैयार नहीं होंगे।"
सेंटर फॉर अ न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी की निदेशक लिसा कर्टिस के अनुसार, व्यापक रणनीतिक साझेदारी के हित में, ट्रम्प प्रशासन के लिए भारत के लिए रियायतें देना बुद्धिमानी होगी।
कर्टिस के हवाले से कहा गया, "ब्रिटेन के साथ भारत का सफल व्यापार समझौता दर्शाता है कि उसके पास वैश्विक व्यापार के विकल्प मौजूद हैं और वह अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए इतना बेताब नहीं है कि उसके कृषि क्षेत्र को खोल दिया जाए।"