भोपाल, 5 अगस्त
प्रवर्तन निदेशालय ने 1,266 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में एडवांटेज ओवरसीज़ प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के परिसरों की तलाशी के दौरान बेनामी कंपनियों और संपत्तियों से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज़ ज़ब्त किए। यह जानकारी एक अधिकारी ने मंगलवार को दी।
भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत एडवांटेज ओवरसीज़ प्राइवेट लिमिटेड (एओपीएल) के मामले में तलाशी अभियान चलाया।
ईडी की जाँच से पता चला कि एओपीएल ने बैंकों से अनुचित लाभ लेने के लिए पहले अपने खाता विवरणों में अपने टर्नओवर को 100 गुना बढ़ाकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की, संबंधित पक्षों के साथ लेन-देन किए और 73 विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से खुद को और अपनी सहयोगी कंपनियों को असुरक्षित ऋण की आड़ में बैंक के धन का दुरुपयोग किया।
ईडी ने कहा कि अब तक की तलाशी के दौरान पहचानी गई संपत्तियों का मूल्य 300 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।
भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एडवांटेज ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (उधारकर्ता कंपनी), उसके निदेशकों/संबंधित व्यक्तियों और अज्ञात लोक सेवकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई।
प्राथमिकी में नामित लोगों पर धोखाधड़ी के उद्देश्य से आपराधिक षड्यंत्र रचने, मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी करने और एसबीआई को 1,266.63 करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाने सहित दंडात्मक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।