नई दिल्ली, 9 अगस्त
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जानकीरमन ने शनिवार को इस बात पर ज़ोर दिया कि सच्चा वित्तीय समावेशन बैंकिंग पहुँच बढ़ाने से कहीं आगे तक जाता है। उन्होंने वित्तीय साक्षरता के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इंडियन बैंक द्वारा आयोजित 'वित्तीय समावेशन संतृप्ति' कार्यक्रम में बोलते हुए, जानकीरमन ने कहा कि री-केवाईसी कैंप जैसे कार्यक्रम लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और देश के आर्थिक विकास में मदद करने के साथ-साथ बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाते हैं।
ग्राहक री-केवाईसी अभियान के माध्यम से बिना बैंक शाखाओं में जाए अपनी "अपने ग्राहक को जानें" (केवाईसी) जानकारी अपडेट कर सकते हैं। आरबीआई अधिकारी ने कहा कि यह सुविधा वंचित और ग्रामीण समुदायों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
तिरुवल्लूर के वित्तीय समावेशन संतृप्ति कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय के 2,000 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया, जिसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। इस कार्यक्रम में किसानों, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों, छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों सहित विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों ने भाग लिया, जिससे इस पहल की व्यापक अपील और प्रासंगिकता प्रदर्शित हुई।
इस कार्यक्रम के दौरान लगभग 350 ग्राहकों ने सफलतापूर्वक अपने पुनः-केवाईसी अपडेट पूरे किए, जिससे उन्हें बैंक शाखाओं में जाने की आवश्यकता समाप्त हो गई और पहुँच एवं सुविधा में सुधार लाने में शिविर के योगदान पर प्रकाश डाला गया।