नई दिल्ली, 12 अगस्त
लिथियम-आयन बैटरी और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं के लिए एशियाई देशों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से, चार लाभार्थी कंपनियों को कुल 40 गीगावाट घंटा उन्नत रसायन सेल (एसीसी) क्षमता प्रदान की गई है और परियोजनाएँ कार्यान्वयनाधीन हैं, यह जानकारी मंगलवार को संसद को दी गई।
भारत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन और प्रचार के लिए मुख्यतः अन्य एशियाई देशों पर निर्भर है, जिससे उद्योग को आपूर्ति श्रृंखला जोखिमों और मूल्य में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।
इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि वैश्विक बैटरी मूल्य श्रृंखला का अधिकांश आयात चीन से होता है, क्योंकि मूल्य श्रृंखला में चीन की महत्वपूर्ण उपस्थिति है।
काबिल ने अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत के एक सरकारी उद्यम कैमयेन के साथ अर्जेंटीना में 5 लिथियम ब्लॉकों की खोज और खनन के लिए एक अन्वेषण और विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और लिथियम अन्वेषण और खनन के लिए अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में 15,703 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है।
काबिल अन्य भारतीय सार्वजनिक उपक्रमों के सहयोग से ऑस्ट्रेलिया में बड़े मूल्य की परियोजनाओं में संयुक्त निवेश की भी संभावना तलाश रहा है। खान मंत्रालय महत्वपूर्ण खनिजों की मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए खनिज सुरक्षा साझेदारी (एमएसपी), इंडो-पैसिफिक आर्थिक ढांचा (आईपीईएफ), और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (आईसीईटी) पर पहल जैसे विभिन्न बहुपक्षीय और द्विपक्षीय मंचों पर भी सक्रिय है।