श्री फतेहगढ़ साहिब/14 अगस्त:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर साउथ एशियन अध्ययन और सामाजिक विज्ञान एवं भाषा फेकलटी की ओर से संयुक्त रूप से विभाजन के भयानक स्मृति दिवस को समर्पित एक समागम का आयोजन किया गया और 1947 में भारत के विभाजन से प्रभावित लाखों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह, प्रो चांसलर डॉ. तजिंदर कौर, वरिष्ठ एडवोकेट हरदेव सिंह, वाईस चांसलर डॉ. हर्ष सदावर्ती, प्रो वाइस चांसलर (अकादमिक) डॉ. अमरजीत सिंह और यूनिवर्सिटी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अपने मुख्य भाषण में, डॉ. अमरजीत सिंह ने विभाजन से पहले और उसके दौरान पंजाब के सामाजिक-राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य का सूक्ष्म विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने सर्वधर्म सद्भाव और साझा उत्सवों के युग का वर्णन किया, और पश्चिमी पंजाब में सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों के महत्वपूर्ण भू-स्वामित्व और आर्थिक प्रभाव का उल्लेख किया। डॉ. सिंह ने बढ़ते सांप्रदायिक तनाव, बड़े पैमाने पर पलायन के दौरान अल्पसंख्यकों की दुर्दशा और बढ़ते अशांति के बीच शांति बनाए रखने के लिए प्रीमियर सर खिजर हयात खान टिवाना की यूनियनिस्ट पार्टी के प्रयासों पर भी चर्चा की।