नई दिल्ली, 14 अगस्त
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के शेयर पिछले 30 दिनों में 7 प्रतिशत से ज़्यादा गिर गए, जबकि भारतीय समूह ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) में उम्मीद से ज़्यादा बेहतर नतीजे दर्ज किए हैं। इसके बाद शीर्ष ब्रोकरेज़ों की मज़बूत कवरेज के बावजूद, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के शेयर पिछले 30 दिनों में 7 प्रतिशत से ज़्यादा गिर गए।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह शेयर गिरावट के दौर से गुज़र रहा है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल आयात करने वाले भारत पर की गई कार्रवाई मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली इस कंपनी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है।
29 अगस्त को होने वाली कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले निवेशकों के इस शेयर को लेकर सतर्क रहने की उम्मीद है।
बाजार सहभागी कुल कारोबार को दोगुना करने की योजनाओं, जियो और रिलायंस रिटेल के आईपीओ की समय-सीमा पर अपडेट और हालिया फेरबदल के बाद रिटेल सेगमेंट में विकास की संभावनाओं पर प्रबंधन की टिप्पणियों पर कड़ी नज़र रखेंगे।
पहले, अमेरिका रूसी तेल आयात का तब तक विरोध नहीं करता था जब तक कि क़ीमतें G7 देशों द्वारा रूस के मुनाफ़े को सीमित करने के लिए निर्धारित 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से कम होती थीं।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की ख़रीद ने दुनिया भर में ऊर्जा की क़ीमतों को स्थिर रखने में योगदान दिया है।