जयपुर, 20 अगस्त
जैसलमेर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक नकली नोटों के रैकेट का भंडाफोड़ किया है और 67,000 रुपये मूल्य के नकली नोटों के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे की प्रत्यक्ष निगरानी में की गई।
यह मामला 18 अगस्त को तब सामने आया जब असरुद अली नाम के एक व्यक्ति ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
उसने बताया कि एक व्यक्ति उसके ई-मित्र केंद्र पर आया और 10,100 रुपये नकद के बदले 10,000 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करने का अनुरोध किया।
अशंकित असरुद अली ने अगले दिन नोटों की जाँच करवाई, जिसमें पाया गया कि उनमें से नौ नोट नकली थे।
कोतवाली जैसलमेर में तुरंत मामला दर्ज किया गया और जाँच शुरू कर दी गई।
मामले को गंभीरता से लेते हुए, एसपी शिवहरे ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाशदान जुगतावत, क्षेत्राधिकारी रूप सिंह इंदा, क्षेत्राधिकारी गजेंद्र सिंह चंपावत (नाचना) और हेड कांस्टेबल भीमराव सिंह (डीसीआरबी) के समन्वय में कई पुलिस टीमें गठित की गईं।
तत्परता से कार्रवाई करते हुए, टीमों ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया, जिनमें मोहम्मद कुमैल उर्फ धनु (23), निवासी पूर्णिया, बिहार और उस्मान कुरैशी (27), निवासी सहारनपुर, उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
पुलिस ने 500 रुपये के 125 नकली नोट और 4,500 रुपये के अतिरिक्त नकली नोट बरामद किए, जिससे कुल जब्ती 67,000 रुपये हो गई।
नकली नोटों के स्रोत का पता लगाने और नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के लिए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने कहा कि इस रैकेट का भंडाफोड़ करने में त्वरित और समन्वित कार्रवाई महत्वपूर्ण रही।
इस अभियान के प्रमुख सदस्यों में एसएचओ भूटाराम, कांस्टेबल खेतपाल सिंह और अशोक कुमार (थाना नाचना), हेड कांस्टेबल भीमराव सिंह और कांस्टेबल हजार सिंह (डीसीआरबी) शामिल थे।
पुलिस ने बताया कि कड़ी सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया के कारण इस नकली मुद्रा नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया, इससे पहले कि यह और फैल सके।
जुलाई में, अलवर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया था जो नकली 'मनोरंजन बैंक' नोटों का इस्तेमाल करके लोगों को नकली धन-गुणन योजना में फंसाकर ठगता था।
पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को नकली मुद्रा के साथ गिरफ्तार किया था।