नई दिल्ली, 11 सितंबर
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के जीएसटी सुधारों से मुख्य मुद्रास्फीति में 75 आधार अंकों तक की कमी आ सकती है और उपभोग व्यय में 1 लाख करोड़ रुपये तक की वृद्धि हो सकती है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की शोध शाखा की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "सीपीआई पर इसका समग्र प्रभाव लगभग 55-75 आधार अंकों का रहने की उम्मीद है। इसलिए हम मुख्य सीपीआई के अपने वर्तमान अनुमान को 3.5 प्रतिशत के अपने पिछले पूर्वानुमान से घटाकर 3.1 प्रतिशत कर रहे हैं।"
विश्लेषकों का कहना है कि जीएसटी सुधारों, जिनमें 99 प्रतिशत वस्तुओं को 0 प्रतिशत, 5 प्रतिशत या 18 प्रतिशत की कर दरों में रखा गया है, से प्रभावी कर दरें लगभग 10-11 प्रतिशत तक कम हो जाएँगी।
बयान में कहा गया है, "हमारा अनुमान है कि कर योग्य उपभोग समूह 150-160 लाख करोड़ रुपये का होगा। प्रत्येक मद में जीएसटी संग्रह का नया अनुपात मिलने के बाद यह राशि और भी बढ़ सकती है।"