नई दिल्ली, 16 सितंबर
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मज़बूत मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) आधार, वाहन निर्यात में तेज़ी और प्रतिस्थापन मांग के कारण, भारत के टायर उद्योग का राजस्व 2047 तक 12 गुना बढ़कर 1.30 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
इस अवधि के दौरान उद्योग का उत्पादन लगभग 4 गुना बढ़ जाएगा।
प्राकृतिक रबर की निरंतर और लागत-प्रतिस्पर्धी उपलब्धता सुनिश्चित करना, एक गतिशील नियामक वातावरण और गैर-टैरिफ बाधाएँ निर्यात वृद्धि के लिए प्रमुख चुनौतियों में से होंगी।
रिपोर्ट में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि टायर कंपनियों को सर्विसिटाइज़ेशन की क्षमता तक पहुँचने के लिए डेटा सुरक्षा और नियामक मुद्दों को बढ़ाने और उनसे निपटने के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य समाधान खोजने की आवश्यकता होगी।