नई दिल्ली, 16 सितंबर
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अगस्त में भारत का रत्न एवं आभूषणों का कुल सकल निर्यात 5.12 प्रतिशत बढ़कर 2.12 अरब डॉलर (18,529.08 करोड़ रुपये) हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 2.01 अरब डॉलर (16,896.04 करोड़ रुपये) था।
प्रमुख बाजारों में खुदरा विक्रेताओं की बिक्री में भी गिरावट देखी जा रही है, जिससे बिना बिके हीरों का स्टॉक बढ़ रहा है, जिससे नई खरीदारी धीमी हो गई है। पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी होने के कारण प्रयोगशाला में उगाए गए हीरों की वैश्विक मांग में निरंतर वृद्धि ने भी मांग में प्राकृतिक हीरों का कुछ हिस्सा कम कर दिया है।
उन्होंने आगे कहा, "इसके साथ ही, संयुक्त अरब अमीरात जैसे व्यापारिक समझौतों के कारण अमेरिका के निकट विकल्प के रूप में नए अवसर पैदा हो रहे हैं, और उपभोक्ता टिकाऊ, प्रीमियम और कस्टम आभूषणों की ओर तेज़ी से आकर्षित हो रहे हैं। उच्च मूल्य वाला सोना, वैश्विक अस्थिरता और अस्थिर धातु बाज़ार लगातार चुनौतियाँ हैं, लेकिन आगामी त्योहारों और शादियों के मौसम से इस क्षेत्र में नई ऊर्जा आएगी।"