नई दिल्ली, 15 सितंबर
सोमवार को जारी मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की मुद्रास्फीति दर, जीएसटी दरों में कटौती और खाद्य कीमतों में गिरावट के कारण कम रहने की उम्मीद है, जिससे केंद्रीय बैंक को इस साल नीतिगत दरों में 0.5 प्रतिशत (50 आधार अंकों) की और कटौती करने की गुंजाइश मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, "कम खाद्य कीमतों, जीएसटी दरों में कटौती और इनपुट मूल्य दबावों की कमी से मुद्रास्फीति कम होने के कारण मुख्य सीपीआई में यह सौम्य प्रवृत्ति और भी बनी रहने की संभावना है। इसलिए, हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में मुख्य सीपीआई औसतन 2.4 प्रतिशत सालाना रहेगी, जिससे आरबीआई अक्टूबर और दिसंबर में दरों में 25 आधार अंकों (0.25 प्रतिशत) की कटौती कर सकेगा।"
मुख्य सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले सात महीनों से आरबीआई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे चल रही है, जो आंशिक रूप से खाद्य कीमतों में गिरावट के कारण है।