नई दिल्ली, 30 सितंबर
इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही) की पहली छमाही में भारतीय कंपनियों का ऋण अनुपात बढ़कर 2.56 गुना हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 2.35 गुना था।
यह वृद्धि विभिन्न क्षेत्रों में मज़बूत और व्यापक लचीलेपन को दर्शाती है।
केयर एज रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में, अपग्रेडेशन वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही के 14 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया, जबकि डाउनग्रेडेशन 6 प्रतिशत पर स्थिर रहा।"
रिपोर्ट के अनुसार, इस जटिल पृष्ठभूमि के बावजूद, भारत की बुनियादी ढाँचागत उन्नति नीतिगत प्रोत्साहन और स्थिर निवेश गति के सहारे चमकती रही है। बुनियादी ढाँचा क्षेत्र का ऋण अनुपात वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में बढ़कर 8.54 गुना हो गया, जिसमें परिवहन बुनियादी ढाँचा और बिजली क्षेत्र में सबसे ज़्यादा सुधार हुआ।