नई दिल्ली, 7 अक्टूबर
मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति की उम्मीदों में भारी गिरावट के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) आने वाले महीनों में दरों में एक और कटौती कर सकता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, RBI ने अब तक रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है, फिर भी विकास को बढ़ावा देने के लिए इसमें और ढील की गुंजाइश है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि GST दरों में कमी और त्योहारी सीज़न में खर्च चालू तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इन कारकों से उपभोग को मज़बूती से बढ़ावा मिलने और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
सितंबर 2025 के लिए 'मासिक आर्थिक बुफ़े' रिपोर्ट के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से तटस्थ नीतिगत रुख बनाए रखने का निर्णय लिया है, दरों को स्थिर रखते हुए टैरिफ़ परिवर्तनों और GST युक्तिकरण के आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव की निगरानी की जाएगी।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के विकास अनुमान को भी पहले के 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है - जो वित्त वर्ष की पहली छमाही में बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है।
दूसरी ओर, मुद्रास्फीति के अनुमान को पहले के 3.1 प्रतिशत से घटाकर वित्त वर्ष 26 के लिए 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है।