मुंबई, 6 अक्टूबर
सोमवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कर कटौती, ब्याज दरों में कमी और जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में भारत में उपभोग पुनरुद्धार में मज़बूत गति आने की उम्मीद है।
एमपी फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी (एमपीएफएएसएल) द्वारा संकलित आंकड़ों में कहा गया है कि ये नीतिगत उपाय, बेहतर मानसून और मुद्रास्फीति में कमी के साथ मिलकर, घरेलू मांग और खर्च के लिए अनुकूल माहौल बना रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सहायक उपायों के इस "नियामक त्रिशूल" से प्रयोज्य आय में वृद्धि, उधारी लागत में कमी और खुदरा कीमतों में कमी आने की संभावना है, जिससे भारत के उपभोग इंजन को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
निजी अंतिम उपभोग व्यय - जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 61 प्रतिशत है - के वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में उल्लेखनीय वृद्धि होने का अनुमान है।