नई दिल्ली, 8 अक्टूबर
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं की एक टीम ने पहली बार महिलाओं और पुरुषों के अवसाद के अनुभव में महत्वपूर्ण आनुवंशिक अंतरों का पता लगाया है। यह एक ऐसी प्रगति है जो अधिक लक्षित हस्तक्षेप और उपचार का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित इस अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने पाया कि आनुवंशिक कारक पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अवसाद के जोखिम को अधिक बढ़ाते हैं।
क्यूआईएमआर बर्घोफर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने महिलाओं के डीएनए में पुरुषों की तुलना में अवसाद के लगभग दोगुने आनुवंशिक "संकेत" पाए।
क्यूआईएमआर बर्घोफर की जेनेटिक एपिडेमियोलॉजी लैब की वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. ब्रिटनी मिशेल ने कहा, "हम पहले से ही जानते हैं कि महिलाओं में अपने जीवनकाल में अवसाद से पीड़ित होने की संभावना पुरुषों की तुलना में दोगुनी होती है।"