मुंबई, 9 अक्टूबर
गवर्नेंस सलाहकार फर्म इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज ने एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में निवेशकों के लिए कई खतरे की घंटी बजाई है। कंपनी की आकस्मिक देनदारियाँ, रॉयल्टी भुगतान संरचना और संबंधित पक्ष लेनदेन गंभीर जोखिम पैदा कर सकते हैं।
इनगवर्न के अनुसार, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 4,717 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारियों का खुलासा किया है, जो उसकी कुल संपत्ति के लगभग 73 प्रतिशत के बराबर है। ऐसा मुख्य रूप से मुकदमेबाजी के तहत विवादित कर दावों के कारण हुआ है।
इनगवर्न ने यह भी बताया कि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया पर अपने प्रमोटर को रॉयल्टी भुगतान से संबंधित 315 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारी है। कंपनी ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामले दक्षिण कोरिया के कर अधिकारियों की और जाँच का विषय बन सकते हैं।
कंपनी ऋण-मुक्त है और इसने अच्छा लाभप्रदता अनुपात बनाए रखा है, और हाल के वर्षों में इसका राजस्व 10.9 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।