नई दिल्ली, 9 अक्टूबर
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में भारत के 38वें स्थान पर पहुँचने से निम्न-मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष नवप्रवर्तक और मध्य एवं दक्षिणी एशिया में प्रथम स्थान पर पहुँचना भारत की स्थिति को और मज़बूत करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत अब वैश्विक नवाचार की दौड़ में एक महत्वाकांक्षी नहीं, बल्कि एक सक्रिय भागीदार है।" इसमें नवाचार में वृद्धि के अलावा, आईसीटी सेवाओं के निर्यात, अंतिम चरण के उद्यम पूंजी सौदों और यूनिकॉर्न मूल्यांकन में देश की सफलताओं का भी हवाला दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि देश "ज्ञान-प्रधान और प्रौद्योगिकी-समृद्ध क्षेत्रों में विदेशी निवेश के लिए अधिक आकर्षक होता जा रहा है"।
विश्व व्यवस्था में भारत के निरंतर उत्थान पर ज़ोर देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि देश "वैश्विक नवाचार परिदृश्य की रूपरेखा को भी नया रूप देगा"। रिपोर्ट में इसे “भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत” कहा गया है, जहां नवाचार देश की “गतिशील वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र में स्थायी पहचान” बन गया है।