नई दिल्ली, 10 अक्टूबर
शुक्रवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पेशेवर कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत करने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि उन्हें अक्षम समझे जाने और आलोचना का शिकार होने का डर है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे जुड़े कलंक के खिलाफ लड़ने के लिए मनाया जाता है।
नौकरी पोर्टल नौकरी की रिपोर्ट, जो 19,650 नौकरी चाहने वालों पर किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है, बताती है कि 31 प्रतिशत कर्मचारी अक्षम समझे जाने के डर से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में बात करने से डरते हैं।
लगभग 30 प्रतिशत कर्मचारी सहकर्मियों द्वारा आलोचना किए जाने से चिंतित हैं, जबकि 21 प्रतिशत ने बहाने बनाने वाले के रूप में बर्खास्त किए जाने के डर की बात कही। अन्य 21 प्रतिशत का मानना है कि इससे उनके करियर के विकास पर असर पड़ सकता है।