नई दिल्ली, 21 अक्टूबर
नागालैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 'सिनापिक एसिड' नामक एक प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पादप यौगिक की पहचान एक शक्तिशाली चिकित्सीय कारक के रूप में की है जो मधुमेह के रोगियों में घाव भरने में महत्वपूर्ण रूप से सहायक हो सकता है।
मधुमेह का घाव एक धीमी गति से ठीक होने वाला घाव होता है, जो अक्सर पैर का अल्सर होता है। इसे डायबिटिक फुट भी कहा जाता है, यह तंत्रिका क्षति (न्यूरोपैथी) और खराब रक्त परिसंचरण, पैर के अल्सर, संक्रमण और गंभीर मामलों में अंग विच्छेदन का जोखिम बढ़ाता है।
नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन ने प्रदर्शित किया है कि सिनापिक एसिड का मौखिक सेवन प्रीक्लिनिकल मॉडलों में मधुमेह के घाव भरने में तेजी ला सकता है।
सिनापिक एसिड एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट है जो विभिन्न खाद्य पौधों में पाया जाता है।
शोध ने स्थापित किया कि यह यौगिक SIRT1 मार्ग को सक्रिय करके काम करता है, जो ऊतक मरम्मत, एंजियोजेनेसिस और सूजन नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।