नई दिल्ली, 16 अक्टूबर
हालाँकि कीटो आहार – वसा में उच्च और कार्बोहाइड्रेट में कम – वजन घटाने के लिए बेहद लोकप्रिय है, लेकिन एक नए पशु अध्ययन ने चेतावनी दी है कि यह स्तन कैंसर के एक आक्रामक प्रकार के खतरे को बढ़ा सकता है।
अमेरिका के यूटा विश्वविद्यालय के शोध से पता चला है कि फैटी एसिड – मोटापे की एक प्रमुख विशेषता जो ट्यूमर के विकास को बढ़ावा देती है – के कारण उच्च लिपिड स्तर ट्रिपल-नेगेटिव स्तन कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है।
प्रीक्लिनिकल माउस मॉडल पर किए गए इस अध्ययन से पता चलता है कि स्तन कैंसर के मरीज़ और मोटापे से ग्रस्त जीवित बचे लोग लिपिड कम करने वाली चिकित्सा से लाभान्वित हो सकते हैं – और उन्हें कीटोजेनिक आहार जैसे उच्च वसा वाले वजन घटाने वाले आहारों से बचना चाहिए।
विश्वविद्यालय के हंट्समैन कैंसर संस्थान की केरेन हिलगेंडोर्फ ने कहा, "यहाँ मुख्य बात यह है कि लोगों ने मोटापे जैसे व्यापक शब्द में वसा और लिपिड के महत्व को कम करके आंका है।"