लातेहार (झारखंड), 14 मई
झारखंड के लातेहार जिले में बुधवार को हेरहंज थाना क्षेत्र में कथित तौर पर पुलिस की पिटाई से 55 वर्षीय दुखी साव की मौत के बाद तनाव फैल गया।
गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने धर्मपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर शव रखकर कई घंटों तक यातायात बाधित किया।
इस आंदोलन के कारण सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया।
प्रदर्शनकारियों ने दुखी साव की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
भीड़ को शांत करने के लिए वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन जब बातचीत विफल हो गई, तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। दोपहर करीब एक बजे जाम खुल गया, लेकिन इलाके में आक्रोश अभी भी सुलग रहा है।
प्रदर्शन स्थल पर मौजूद एसडीपीओ अरविंद कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, "अगर रिपोर्ट में हिरासत में मारपीट की पुष्टि होती है, तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" दुखी साव के परिवार के अनुसार, 12 मई की रात को सादे कपड़ों में पुलिस की एक टीम जमीन विवाद के सिलसिले में उनके घर में घुसी। उनका आरोप है कि पुलिस ने दुखी साव के साथ-साथ घर की महिलाओं और बच्चों पर भी बेरहमी से हमला किया और मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान भी लूट लिया। इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए दुखी साव की मंगलवार रात को मौत हो गई। हालांकि, पुलिस ने अलग ही कहानी पेश की। अधिकारियों ने कहा कि अवैध निर्माण की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम गांव गई थी। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीणों ने टीम पर हमला किया, जिसमें प्रभारी अधिकारी समेत आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। घटना के बाद पुलिस ने पांच लोगों रोशन कुमार, पिंटू कुमार, सुनील कुमार, पंकज कुमार और जितेंद्र कुमार साव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। परिवार ने आरोप लगाया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों को गलत तरीके से फंसाया गया है और मांग की है कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ली जाए।